Allergies !! What is Allergies?


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When our body over-reacts to something or becomes highly sensitive then it is called allergy.


Allergy can be made from food, pets, changes in weather, any flower-fruit-vegetable intake, fragrance, dust, smoke, or anything else. In this situation, our immune system can not accept certain things and the result is seen in the form of such reactions. In this situation, getting rid of red-red rash on the body, flowing water with nose and eyes, gizzing, vomiting, or breathing can be fast-moving from fever to fever.
Most allergies are not dangerous, but occasionally problems can also be serious.

Causes of Allergy / Allergies

By eating things: Some people may be allergic to eating food items like peanuts, milk, eggs etc. Whatever is allergic to it, it can cause problems like eating after it is eaten, itching in the body, or having rashes and rashes on the whole body. Typically, after eating something, symptoms of allergies start emerging from 10 minutes to half an hour.

Dust: Dust particles contain microbes that remain present around us. Microbes grow more in humidity. Allergies due to them are usually sneezed, there is the problem of burning water from the eye and nose.

Pests and mosquitoes: The skin gets blurred when the insects bite such people. Occasionally there may be vomiting, dizziness and fever.

Rubber: Use of any thing made from rubber (galloves, condom, medical equipment etc.) can cause irritation, nasal bleeding, sneezing, breathlessness and itching problems.

Fragrance: Fragrance may also cause allergic reactions for many people. The fragrance of perfumes, scent candles, many types of beauty products etc. can be a problem of headache, ghee etc.

Pets: Pets are also the cause of allergies to many people. Many people have serious problems with animal hair, salivary emissions, and so on.

Grass: Grass, trees and flowers are often the cause of allergies. It may be a problem of itching, eye irritation, continuous sneezing and itching etc. when approached.

Weather: Many people are allergic to any particular season. When the weather seems to change, these people have a problem like neck throat, fever, nasal bleeding, and burning sensation. Try it in such a way that more and more stay inside the house. Avoid rapid changes in temperature. That is, do not go from cold to hot or cold.

Grains of flowers: Grains of flowers are also allergic to people. These fine particles move into the nose and throat when exposed to trees and grasses and cause problems. During the weather in which Pollen comes, leave less out of the house. Close the windows of the house. Stay in AC or fan and do not use coolers. Get air purifiers in the house. If you have to get out of the house then go out by putting a glass on the eyeglasses and nose.

Metal: Many people are allergic to metal, such as gold or silver oxidized julari, some of them with leather or synthetic fabrics. If this happens then it may be itching after coming into contact with these things. Such people avoid using these things. If ever it is to be worn and itching starts then place steroid based cream on that place.

Medication: A lot of people are allergic to a particular drug too. If you continue to take that medication, the problem may increase.

who is suffering more from allergy?

Experts believe that compared to those living in the villages, the problems of allergies in the cities are more common. The problem is found in children who are treated with more cleanliness, because their body's immune system does not have much development.

Children are more susceptible to allergies than adults. If the child is suffering from excessive fatigue, it remains cold and itching in the nose, it can be allergic.

For the sake of caution that we are avoiding children, the reflexes are making them sick and sick. We keep the children in the name of hygiene from playing in dust, soil, rain etc. This is called Hygiene Hypothesis.

In children who do not get the vaccination, they have also seen the problem of allergies. Vaccination protects children's body from bacteria, but the immune system becomes weak. The thing that does not look like the immune system of the body is in its own way, it takes an effort to remove them in their own way. This method can be sneezing, rashes, fever etc.

Similarly, the problem of allergies in the elderly is quite common as their immune system also becomes weak. They should take special care in changing weather etc.

There are times also allergic family members. If the parents are allergic to dust or anything else then the chances of children becoming allergic are increased. However, it is not necessary that both the components of allergies are the same. If the mother has skin rays due to allergic to dust, the child may sneeze due to her allergic reactions.

About 15 to 25 percent of people in the country suffer from allergies, while in countries like Australia, England & America the number of allergic patients is over 40 percent.

I hope you will find this article helpful to stay protected from these Allergies.


 In Hindi (हिंदी में)



एलर्जी !! क्या होती है एलर्जी? 

जब हमारा शरीर किसी चीज को लेकर ओवर-रिऐक्ट करता है या अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है तो उसे एलर्जी कहते हैं। 
एलर्जी किसी खाने की चीज, पालतू जानवर, मौसम में बदलाव, कोई फूल-फल-सब्जी के सेवन, खुशबू, धूल, धुआं, दवा यानी किसी भी चीज से हो सकती है। इस स्थिति में हमारा इम्यून सिस्टम कुछ खास चीजों को स्वीकार नहीं कर पाता और नतीजा ऐसे रिऐक्शन के रूप में दिखता है। इस स्थिति में शरीर पर लाल-लाल चकत्ते निकलना, नाक और आंखों से पानी बहना, जी मितलाना, उलटी होना या फिर सांस तेज-तेज चलने से लेकर बुखार तक हो सकता है। 
ज्यादातर एलर्जी खतरनाक नहीं होतीं, लेकिन कभी-कभार समस्या गंभीर भी हो सकती है। 

एलर्जी के कारण 

खाने की चीजों से: कुछ लोगों को खाने की चीजों जैसे कि मूंगफली, दूध, अंडा आदि खाने से एलर्जी हो सकती है। जिस चीज से एलर्जी है, उसे खाने के बाद जी मिचलाना, शरीर में खुजली होना या पूरे शरीर पर दाने और चकत्ते निकलने जैसी समस्या हो सकती है। आमतौर पर कुछ खाने के बाद 10 मिनट से लेकर आधे घंटे के अंदर एलर्जी के लक्षण उभरने लगते हैं। 

धूल: धूल के कणों में माइक्रोब्स होते हैं जो हमारे आसपास मौजूद रहते हैं। माइक्रोब्स ज्यादा ह्यूमिडिटी में पनपते हैं। इनसे होनेवाली एलर्जी में आमतौर पर छींकें, आंख और नाक से पानी बहना जैसी दिक्कत होती है। 

कीट और मच्छर: ऐसे लोगों को किसी कीड़े के काटने पर स्किन एकदम लाल होकर फूल जाती है। कभी-कभार उलटी, चक्कर आना और बुखार भी हो सकता है। 

रबड़: रबड़ से बनी किसी भी चीज (गलव्स, कॉन्डम, मेडिकल इक्विमेंट आदि) के इस्तेमाल से जलन, नाक बहना, छींकना, सांस की घबराहट और खुजली की समस्याएं हो सकती हैं। 

खुशबू: खुशबू भी कई लोगों के लिए एलर्जी की वजह हो सकती है। परफ्यूम, खुशबू वाली मोमबत्तियां, कई तरह के ब्यूटी प्रॉडक्ट आदि की खुशबू से सिरदर्द, जी मिचलाने आदि की समस्या हो सकती है। 

पालतू जानवर: पालतू जानवर भी कई लोगों की एलर्जी का कारण होते हैं। जानवरों के बाल, उनके मुंह से निकलने वाली लार, रूसी आदि से कई लोगों को गंभीर परेशानियां होती हैं। 

घास: कई बार घास, पेड़ और फूल भी एलर्जी का कारण होते हैं। इनके संपर्क में आने पर खुजली, आंखों में जलन, लगातार छींक और खुजली आदि की समस्या हो सकती है। 

मौसम: कई लोगों को किसी खास मौसम से भी एलर्जी होती है। जब मौसम बदलने लगता है तो इन लोगों को गले की खराश, बुखार, नाक बहना, आंखों में जलन जैसी समस्या होती है। ऐसे में कोशिश करें कि ज्यादा-से-ज्यादा घर के अंदर रहें। तापमान में तेज बदलाव से बचें। यानी एकदम ठंडे से गर्म में या गर्म से ठंडे में न जाएं। 

पराग कणों: फूलों के पराग कणों से भी लोगों को एलर्जी होती है। पेड़-पौधों और घास-फूस के संपर्क में आने पर ये बारीक कण नाक और गले में चले जाते हैं और दिक्कत की वजह बनते हैं। जिस मौसम में पॉलेन आते हैं, उस दौरान घर से बाहर कम निकलें। घर की खिड़कियां बंद करके रखें। एसी या पंखे में रहें और कूलर का इस्तेमाल न करें। घर में एयर प्यूरिफायर लगवाएं। घर से बाहर निकलना ही हो तो आंखों पर चश्मा और नाक पर मास्क लगाकर बाहर निकलें। 

मेटल: कई लोगों को मेटल जैसे कि गोल्ड या सिल्वर ऑक्सिडाइज्ड जूलरी से एलर्जी होती है तो कुछ को लेदर या सिंथेटिक कपड़ों से। ऐसा होने पर इन चीजों के कॉन्टैक्ट में आने के बाद खुजली आदि हो सकती है। ऐसे लोग इन चीजों के इस्तेमाल से बचें। अगर कभी पहनना ही पड़े और खुजली होने लगे तो उस जगह पर स्टेरॉयड बेस्ड क्रीम लगाएं। 

दवा: किसी खास दवा से एलर्जी भी काफी लोगों को होती है। अगर उस दवा को लेना जारी रखा जाए तो परेशानी बढ़ सकती है। 

कौन एलर्जी से अधिक पीड़ित है?

एक्सपर्ट मानते हैं कि गांवों में रहनेवालों के मुकाबले शहरों में रहने वालों में एलर्जी की समस्या ज्यादा पाई जाती है। जिन बच्चों को ज्यादा साफ-सफाई के साथ पाला जाता है, उनमें भी यह समस्या ज्यादा पाई जाती है क्योंकि उनके शरीर का इम्यून सिस्टम ज्यादा डिवेलप नहीं हो पाता। 

बच्चों में एलर्जी होने की आशंका बड़ों से कहीं ज्यादा होती है। बच्चा अगर बहुत ज्यादा थकान का शिकार होता हो, उसे सर्दी-जुकाम बना रहता हो, नाक में खुजली होती हो तो इसे एलर्जी हो सकती है। 

सावधानी के लिए जिन चीजों से हम बच्चों को परहेज करा रहे होते हैं, वही परहेज उन्हें और बीमार कर रहा होता है। हम हाइजीन के नाम पर बच्चों को धूल, मिट्टी, बारिश आदि में खेलने से रोकते रहते हैं। इसे हाइजीन हाइपोथीसिस कहते हैं। 

जिन बच्चों का वैक्सिनेशन नहीं किया जाता, उनमें भी एलर्जी की समस्या कम देखी गई है। वैक्सिनेशन से बच्चों का शरीर बैक्टीरिया से तो बच जाता है लेकिन इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। जो चीज शरीर के इम्यून सिस्टम को अपने मुताबिक नहीं लगतीं, वह उन्हें अपने तरीके से निकालने की कोशिश में लग जाता है। यह तरीका छींक, चकत्ते, बुखार आदि हो सकता है। 

इसी तरह बुजुर्गों में भी एलर्जी की समस्या काफी कॉमन है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है। बदलते मौसम आदि में उनका खास ख्याल रखना चाहिए। 

कई बार एलर्जी खानदानी भी होती है। पैरंट्स को अगर धूल या किसी और चीज से एलर्जी हो तो बच्चों को एलर्जी होने के चांस बढ़ जाते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि दोनों की एलर्जी का स्वरूप एक जैसा ही हो। मां को अगर धूल से एलर्जी की वजह से स्किन रैशेज पड़ते हों तो बच्चे को खुशबू से एलर्जी होने की वजह से छींकें आ सकती हैं।

देश में करीब 15 से 25 फीसदी लोग एलर्जी से पीड़ित हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, और अमेरिका जैसे देशों में एलर्जी के मरीजों की संख्या 40 फीसदी से ज्यादा है। 

पढ़ने के लिए धन्यवाद...