Depression

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Hi guys, Nowadays, we hear a word repeatedly, "Depression" or "Depressed" What is depression around us and how bad or dangerous it is for our health.

Today, this part-time life keeps us engaged in a crowd of people throughout the day, but nowhere else is peace within us continuously going home. Because our routine becomes so busy that we can not find time for ourselves. Nothing moves on our minds throughout the day. One day it becomes a mental illness, which is called depression.

Depression or depressed is a problem that does not matter and this is the biggest obstacle in its solution. The World Health Organization has warned that by 2020, depression will become the second-largest disease in the world. But many of us do not know how to recognize depression.

There is a misconception about depression that it is only those who have had a major accident in life, or who have many reasons to be unhappy. People often ask, "Why do you have depression? What is lacking in your life? '' It is completely wrong. During the depression, the formation of hormones such as oxytocin in the human body decreases.

This is the reason why you can not be happy even in a depression. You must have seen a person who talks to himself or someone who always talks about death. Everyone cries about small things. You might also have met those happy people and mast-moulas who do not believe in the news of suicide. Such people are victims of depression or mental discomfort.

Symptoms of depression


-If you do not remember when you were last time happy
You get Tasks from the bedroom or daily routine things like bathing.
-You have started cutting from people.
-You hate yourself and want to finish yourself.
-If you search for suicides on Google in addition to these things
-Do not focus on one thing
-Do not want to get out of the house

You should get help immediately. "
There is no need to be 'mad' to go to a psychiatrist or psychotherapist. Nor will you be called 'crazy' by going to a psychiatrist. Start looking at health and diseases from this point of view, because the brain is yours and the body is yours too. The doctor will decide whether you will be treated with therapy or counseling or even medicines. If illnesses are serious, for example, some strange, poor voices are heard.

I hope you will find this article useful to get better understand how dangerous depression is. 


In Hindi (हिंदी में)

डिप्रेशन


हाय दोस्तों, आजकल हम बार-बार एक शब्द सुन रहे हैं हमारे चारों ओर "डिप्रेशन" डिप्रेशन क्या है? और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना बुरा या खतरनाक है।

आज की इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी चाहे हमें पूरे दिनभर लोगों की भीड़ के बीच व्यस्त रखती हो, लेकिन कहीं न कही हमारे भीतर एक शांति लगातार घर करती चली जाती है। क्योंकि हमारी दिनचर्या इतनी व्यस्त हो जाती है कि हमें अपने लिए समय नहीं मिल पाता है. दिनभर हमारे दिमाग में कुछ न कुछ चलता रहता है। जो एक दिन किसी मानसिक बीमारी का रूप ले सकती है जिसे डिप्रेशन कहा जाता है ।

डिप्रेशन या अवसाद ऐसी समस्‍या है जिसके बारे में कोई बात नहीं करता और यही इसके समाधान में सबसे बड़ी बाधा है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन आगाह कर चुका है कि 2020 तक डिप्रेशन दुनिया की दूसरी बड़ी बीमारी बन जाएगी। लेकिन हममें से बहुत से लोग जानते ही नहीं कि डिप्रेशन को कैसे पहचानें। 

डिप्रेशन या दिमागी तकलीफ को लेकर एक गलत धारणा है कि ये सिर्फ उसे ही होती हैं, जिसकी जिंदगी में कोई बहुत बड़ा हादसा हुआ हो या जिसके पास दुखी होने की बड़ी वजहें हों. लोग अक्सर पूछते हैं, ''तुम्हें डिप्रेशन क्यों है? क्या कमी है तुम्हारी लाइफ में?'' यह पूरी तरह से गलत है. डिप्रेशन के दौरान इंसान के शरीर में खुशी देने वाले हॉर्मोन्स जैसे कि ऑक्सिटोसीन का बनना कम हो जाता है ।

यही वजह है कि डिप्रेशन में आप चाहकर भी खुश नहीं रह पाते. आपने किसी ऐसे इंसान को देखा होगा, जो अपने आप से बातें करता रहता है या फिर कोई ऐसा जो हमेशा मरने की बातें करता है. हर छोटी-छोटी बात पर रो देता है. आप उन खुशमिजाज़ और मस्तमौला लोगों से भी मिले होंगे, जिनकी खुदकुशी की ख़बर पर आपको यकीन नहीं होता. ऐसे लोग डिप्रेशन या मानसिक परेशानी के शिकार होते है. 


डिप्रेशन के लक्षण

-अगर आपको याद नहीं कि आप आखिरी बार खुश कब थे.
-बिस्तर से उठने या नहाने जैसी डेली रुटीन की चीजें भी आपको टास्क लगती हैं.
-आप लोगों से कटने लगे हैं.
-आप खुद से नफरत करते हैं और अपने आप को खत्म कर लेना चाहते हैं.
-अगर आप इन बातों के अलावा गूगल पर खुदकुशी के तरीके सर्च करते हैं तो 
-किसी एक चीज पर फोकस न कर पाएं 
-घर से बाहर निकलने की इच्‍छा न हो 

आपको तुरंत मदद लेनी चाहिए.''

सायकाइट्रिस्ट या मनोचिकित्सक के पास जाने के लिए 'पागल' होने की ज़रूरत नहीं होती. न ही सायकाइट्रिस्ट के पास जाने से आप 'पागल' कहलाएंगे. हेल्थ और बीमारियों को इस नज़रिए से भी देखना शुरू करिए, क्योंकि दिमाग भी आपका है और शरीर भी आपका. आपका इलाज सिर्फ थेरेपी या काउंसलिंग से होगा या फिर दवाइयों की ज़रूरत भी पड़ेगी, इसका फैसला डॉक्टर करेगा. अगर बीमारियां गंभीर हैं, मसलन किसी को अजीबों-गरीब आवाज़ें सुनाई पड़ रही हैं.

मुझे आशा है कि आप इस लेख को उपयोगी पाएंगे ये बेहतर समझने के लिए कि अवसाद कितना खतरनाक है।